बुलंदशहर हिंसा: उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा दिखाई गई बड़ी लापरवाही, वांटेड लिस्ट में लगाया बेगुनाह की तस्वीर

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में गोकशी के बाद हुई हिंसा के दौरान इस्पेक्टर की हत्या के आरोपियों की तलाश में जुटी उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा बड़ी लापरवाही सामने आई है। पुलिस ने शुक्रवार को आरोपियों का पोस्टर जारी किया है। उस पोस्टर में एक आरोपी के नाम के ऊपर उसके ही नाम वाले बेगुनाह व्यक्ति की तस्वीर लगा दी है। इस शख्स का नाम विशाल त्यागी है।
विशाल त्यागी ने पुलिस से कहा, ‘पुलिस ने मुझे कोई और समझकर सूची में तस्वीर लगा दी. मेरा इस घटना से कोई लेना-देना नहीं है ‘. उसने बताया कि वह घटनास्थल से 40 किमी दूर था। यह मामला सामने आने के बाद प्रशांत कुमार एडीजी द्वारा संज्ञान लेने पर पुलिस ने अपनी गलती सुधारते हुए सही आरोपी की तस्वीर जारी कर दी और अपनी गलती के लिए खेद व्यक्त किया।
दरअसल ये वाक्या तब सामने आया जब पेशे से ब्लड बैंक मैनेजर ने दावा किया कि आरोपियों की सूची में उसकी तस्वीर लगा दी गई है। उसने मेरठ पहुंचकर एडीजी प्रशांत कुमार से मुलाकात की और अपराधियों के पोस्टर से अपना नाम हटाने के लिए कहा। उसने एडीजी को अपनी पहचान बताने के लिए अपना आधारकार्ड, एम्पलाई कार्ड और खुद के नाम, वल्दियत और पते से संबंधित दस्तावेज भी सौंपे हैं।
पोस्टर में दूसरे नम्बर पर विशाल त्यागी पुत्र सुरेंद्र निवासी स्याना का नाम है, जबकि फोटो में जो व्यक्ति है वह विशाल त्यागी जिसके पिता विजयपाल सिंह, निवासी गांव हिरनौट कोतवाली शिकारपुर (बुलंदशहर) है। विशाल त्यागी हिरनौट के निवासी है और वह बुलंदशहर चैरिटेबल ब्लड बैंक के मैनेजर हैं। उनका कहना है कि तीन दिसम्बर को वह पुरे दिन ब्लड बैंक में मौजूद थे, जिसकी सीसीटीवी फुटेज भी उनके पास मौजूद है।
बुलंदशहर के स्यान में गोकशी को लेकर हुए हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के आलावा एक युवक सुमित की भी मृत्यु हुई थी। इस मामले में सुमित के पिता अमरजीत सिंह ने राष्ट्रीय मानवधिकार आयोग को पत्र लिखकर 18 दिसंबर को उत्तर प्रदेश के मुख्य्मंत्री आवास के सामने आत्मदाह करने की चेतावनी दी है। उन्होनें इस पूरी घटना की सीबीआई द्वारा जाँच की मांग भी करी है।
