आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने फिर से उठाया राम मंदिर का मुद्दा

बीजेपी लोकसभा चुनाव जीत चुकी है और वह अपने जीत का जोरो-शोरों से प्रचार कर रही है। नरेंद्र मोदी ने अभी तक शपथ नहीं ली परन्तु शपथ लेने से पहले ही पार्टी से जुड़े लोग बड़े बड़े वादे करने लगे है।
सालो से चला आ रहा राम मंदिर का मुद्दा एक बार फिर गर्माता नजर आ रहा है। RSS यानि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने राम मंदिर को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। ऐसा लगता है की अगले चुनाव से पहले ही राम मंदिर का मुद्दा उठा कर एक बार फिर से उन लोगो को आकर्षित किया जाए जो मंदिर बनने का इंतजार कर रहे है।
अक्सर देखा गया है मोदी सरकार चुनाव से पहले राम मंदिर और हुंदुत्व जैसे मुद्दे उठाती रही है। जिससे बीजेपी को काफी फायदा भी पहुंचा है। RSS प्रमुख मोहन भगवत ने कहा कि भगवान राम का नाम बहुत हो गया अब राम का काम होकर रहेगा।
भागवत राजस्थान के उदयपुर में एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे। भागवत ने यहां टाइगर हिल स्थित प्रताप गौरव केंद्र में बनाये गए नए भक्तिधाम में संत मुरारी बापू के साथ पूजा अर्चना भी की। भागवत ने यहा करीब 17 मिनट तक भाषण दिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि इस बार राम का काम होकर रहेगा। भागवत की इस बात का सभागार में मौजूद लोगों ने जयश्रीराम के नारे से स्वागत किया।
संघ प्रमुख ने कहा कि हमें भारत और भारतवासियों को बड़ा बनाना है। उन्होंने कहा कि भारत को महाशक्ति बनना ही चाहिए। उन्होंने इतिहास की घटनाओं को ना भुलाने की बात कही। भागवत का कहना था की अपने इतिहास को भुला देने से हम भटक जाएंगे। उन्होंने कहा कि दुनिया के इतिहास में और हमें यही बताया गया है कि जिस देश के लोग सजग, बलवान, सक्षम, सक्रिय और शीलवान होंगे वह देश निरंतर आगे बढ़ता रहेगा।
RSS प्रमुख ने कहा कि जिस देश में यह सब नहीं होता उस देश में अच्छे नेता हों, विचारक हों, सब कुछ हो फिर भी भाग्य उसके साथ नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि इसलिए हम सब लोगों को सक्रिय होना होगा। भागवत ने कहा कि जन का मतलब मनुष्यों का जमावड़ा नहीं होता। हमारा देश अपने सनातन धर्म के साथ हिंदू धर्म व प्राचीन एकरूपता लिए हुए है। इसके बिना भारत हो ही नहीं सकता।
इस अवसर संत मोरारी बापू ने भी कहा कि राष्ट्र को युवाओं की जरूरत है। उन्होंने भी राम मंदिर का नाम लेते हुए कहा कि आज हम ऐसी स्थिति में हैं जहां हमें राम का काम करना है। राम का काम मतलब राष्ट्र का काम है। मोरारी बापू ने महाराणा प्रताप की प्रशंसा करते हुए कहा कि यहां प्रताप की प्रतिमा नहीं प्रतिभा है।
राम भक्ति में तो सभी डूबे है परन्तु मोदी भक्तो को यह नहीं मालूम की वह एक चुनावी खेल है जिसमे भाजपा और RSS दोनों माहिर है। किस प्रकार से लोगो को अपनी तरफ खींचना है और किस प्रकार से वोट हासिल करना है यह मोदी सरकार बखूबी जानती है। राम मंदिर का मुद्दा एक बार फिर से उठाया गया है परन्तु इस बार ऐसा न हो की मोदी का राम नाम का खेल उन पर ही भारी पड जाये।
