योगी राज में एक दिन में दो जगह तोड़ी गई बाबा साहेब की प्रतिमा

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा तोड़े जाने का शिलशिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। भाजपा राज में देश के अलग अलग राज्य से लगतार बाबा साहेब की प्रतिमा को तोड़े जाने के खबरे सामने आती रहती है पर जाँच के नाम पर सरकार कोई कदम उठाने को तैयार नही होती। ज्यादा घटना उत्तर प्रदेश से सुनने में आती आती है। एक मामला शांत भी नहीं हो पाता है कि दूसरी घटनाएं सामने आ जाती हैं। अबतक इस तरह की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। सरकार बस चेतावनी देती रहती है कि इस तरह की हरकत करने वाले तत्वों के खिलाफ शख्त कार्रवाई की जाएगी। लेकिन अभी तक वह अपने वादे पर खरी नहीं उतर पाई है। ऐसे में मूर्ति तोडऩे वाले शरारती तत्वों का मनोबल और बढ़ गया है।
चेतावनी के नाम पर बस अपराधियों को छोड़ दिया जाता है। हाल ही में ऐसा ही एक मामला आजमगढ़ जिले के देवगांव कोतवाली क्षेत्र के मिर्जा आदमपुर गांव से सामने आया है। जहां बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा क्षतिग्रस्त होने से आक्रोशित दलित समुदाय के सैकड़ों लोगों ने विरोध जताया और अज्ञात शरारती तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। घटनास्थल पर पहुंची पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। कभी दलित समुदाय के भावनाओ से जुड़े मंदिर को तोड़ दिया जाता है तो कभी बाबा साहेब की प्रतिमाओं को।
आजमगढ़ में ही एक समय में दो प्रतिमाओं को छतिग्रस्त कर दिया गया। मिली सुचना के मुताबिक घटिया मानसिकता रखने वाले कुछ लोगो ने बाबा साहेब की प्रतिमा का सर तोड़ कर नीचे गिरा दिया। सुबह घरों से निकले ग्रामीणों ने क्षतिग्रस्त मूर्तियां देखी तो आक्रोशित हो गए। यह खबर फैलते ही वहां बाबा साहब के अनुयायियों की भीड़ जमा हो गयी। इससे पहले मिर्जा आदमपुर में मूर्ति तोड़े जाने की सूचना मिली थी। इस सूचना पर बसपा नेता ने मौके पर ग्रामीणों के साथ अराजकतत्वों पर कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदर्शन शुरू किया।
इसी दौरान इसी थाना क्षेत्र के श्रीकांतपुर गांव में भी लगी अंबेडकर प्रतिमा को क्षतिगस्त होने की सूचना पर पुलिस और प्रशासन के हाथ-पांव फूलने लगे। किसी तरह से दोनों स्थानों पर आक्रोशित ग्रामीणों को समझा-बुझाकर अधिकारियों ने शान्त कराया और आश्वासन दिया कि क्षतिग्रस्त प्रतिमा के स्थान पर तत्काल नयी प्रतिमा की स्थापना के साथ ही अराजकतत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी। तब जाकर लोगों का आक्रोश शांत हुआ। ग्रामीणों ने बताया कि जो मूर्तियां तोड़ी गयी है उन्हें ग्रामीणों ने कई साल पहले आपसी सहयोग से लगवाया था।
