उत्तर प्रदेश बुलन्दशहर: मुस्लिम समुदाय के लोगो ने कहा, मोदी दुबारा प्रधानमंत्री बने तो छोड़ देंगे गाँव

उत्तर प्रदेश के बुलन्दशहर से मुस्लिम समुदाय ने नरेंद्रमोदी के बारे में एक बड़ा ब्यान दिया है। उनका कहना है को अगर मोदी दुबारा से प्रधानमंत्री बनेंगे तो वह बुलन्दशहर में स्थित अपना गांव नया बांस को छोड़ देंगे। दरअसल वहां के लोगो का यह मानना है की, बुलंदशहर जिले में स्थित नया बांस गांव के लोगों की जिंदगी पिछले दो सालों में बदल सी गई है। न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक नया बांस गांव में रहने वाले मुस्लिम परिवारों का कहना है कि उन्हें याद है जब उनके बच्चे भी हिंदू बच्चों के साथ खेलने जाते थे।
दोनों समुदाय के लोग एक दूसरे के साथ खुलकर बातें करते थे, दुकानों और त्योहारों में साथ जाते थे। लोगों का कहना है कि अब ऐसी बातचीत नहीं रही. क्योंकि पिछले दो सालों में इन दोनों समुदायों के बीच काफी दूरियां पैदा कर दी गई हैं। इसी वजह से कुछ लोग यहां से जाने की तैयारी भी कर रहे हैं।
मुस्लिम परिवार के लोगो का कहना है की अगर पीएम मोदी की हिंदू राष्ट्रीय पार्टी बीजेपी दोबारा सत्ता में आती है तो परेशानी और ज्यादा बढ़ सकती हैं। एग्जिट पोल के नतीजे ने भी NDA की बहुमत आने के संकेत दिये थे।
गांव के एक निवासी ने गुलफाम अली ने रॉयटर्स को बताया, हिंदू-मुस्लिम अपने अच्छे और बुरे वक्त में हमेशा साथ रहते थे. एक दूसरे की शादियों और मातम में भी शरीक होते थे। लेकिन अब हम लोगों ने जीने के अलग रास्ते अपना लिए हैं। इसके साथ एक दूसरे निवासी अली ने कहा, मोदी और योगी ने सब कुछ बर्बाद कर दिया। उनका असली मकसद हिंदू-मुस्लिम को अलग करना है. ऐसा पहले कभी भी नहीं हुआ. हम इस जगह को छोड़ना चाहते हैं, लेकिन असल में ऐसा नहीं कर सकते हैं। अली ने बताया पिछले दो सालो में उसके चाचा समेत दर्जनों परिवार गांव छोड़ कर जा चुके हैं।
बुलन्दशहर हिंसा का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया, लगभग पांच महीने बाद 4 हजार की जनसंख्या वाले इस गांव के लगभग 400 मुस्लिमों का कहना है कि उनके घाव अभी तक नहीं भर पाए हैं, यहां अभी भी हालात सुधरे नहीं हैं। इस घटना ने सब कुछ बदलकर रख दिया।
उन्होंने बताया पिछले साल तक जहां नयाबांस में गेंहू के खेत, संकरे रास्ते और उनमें घूमती बैलगाड़ियां और गाय दिखती थीं, वही अब यहां एक अलग ही माहौल नजर आता है। यहां कुछ हिंदुओं ने आरोप लगाया था कि उन्होंने कुछ मुस्लिमों को गौ हत्या करते हुए देखा। जिसके बाद माहौल काफी बिगड़ता चला गया हाईवे को रोक दिया गया, गाड़ियां जलाई गईं और एक पुलिस अधिकारी सहित दो लोगों की गोली मारकर जान ले ली गई।
बता दे नयाबांस लोगो ने इससे पूर्व भी हिंसा देखी है। वर्ष 1977 की बात है जब एक मस्जिद बनाने को लेकर विवाद पैदा हुआ था। जिसके कारण सांप्रदायिक दंगों में दो लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा। इस घटना के बाद गांव में तनाव के हालात बने गए थे। लेकिन पिछले 40 सालों में यहां सब कुछ ठीक हो गया था। सभी मिल जुलकर एक साथ रहते थे।
इन सभी बातो से पता चलता है की बीजेपी कितना भी सबका साथ सबका विकास की बात कर ले, लेकिन सच्चाई कुछ और है। सच तो यह है की मौजूदा सरकार केवल एक ही धर्म के लोगो को ही तवज्ज़ो देती है। बीजेपी दूसरे समुदाय के लोगो की हितो की बातें तब करती है , जब उनका वोटबैंक इससे जुड़ा हो।
भाजपा सरकार के प्रति अल्पसंख्यक समुदाय द्वारा इस प्रकार की बाते करना स्वभाविक लगता है। क्यूंकि देश में जिस प्रकार का माहौल बन रखा है तो ऐसा होना आम है। आज देश में ज्यादातर मुस्लिम समुदाय के लोगो के बीच भी भय बन गया है। कहीं न कहीं यह समुदाय अपने आप का अकेला महसूस करने लगा है।
सरकार का अल्पसंख्यक समुदाय के प्रति दोहरा रवैया बिलकुल भी उचित नहीं है। देश में मौजूदा सरकार हर समुदाय का विकास करने की बातें तो करती है लेकिन वास्तविक में यह जुमलों से अधिक कुछ भी नहीं है। देश में इस प्रकार का माहौल लोकतंत्र के लिए लिए अनुकूल नहीं है। यहाँ एक बात और देखने वाली है की बीजेपी के सरकार में आने के बाद देश में साम्प्रदयिक घटनाओ में बढ़ोतरी भी देखि गई है, जो की देश की जनता के लिए सही नहीं है।
