बीजेपी मंत्री के खिलाफ युवक को पोस्ट करना पड़ गया भारी, युवक के खिलाफ हुई यह कार्रवाई

बीजेपी के खिलाफ बोलने पर अक्सर कार्रवाई करने के मामले सामने आते रहते है। कुछ इसी प्रकार उत्तराखंड में एक युवक को मुख़्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ पोस्ट करना भारी पड़ गया। युवक पर राज्य के मुख्यमंत्री के खिलाफ फेसबुक पर आपत्तिजनक पोस्ट करने का आरोप है। मौजूदा सरकर में उनके खिलाफ बोलने पर जायदातर मामलो में व्यक्ति पर कार्रवाई कर दी जाती है। कभी कभी इन मामलो में बिना सोचे समझे ही कार्रवाई कर ली जाती है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, आरोपी को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) के समक्ष पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। उत्तरकाशी जिले के डायरिका गांव के किसान राजपाल सिंह (34) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित कर 13 जुलाई को एक पत्र फेसबुक पर पोस्ट किया था। इस पत्र में उन्होंने कथित तौर पर मुख्यमंत्री रावत के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करते हुए कहा था कि मुख्यमंत्री योजनाओं के क्रियान्वयन में सक्षम नहीं हैं। उन्होंने इस संबंध में प्रधानमंत्री से आवश्यक कदम उठाने की मांग भी की थी।
सरकार की कमियां बताने मात्र से किसी को गिरफ्तार कर लेना उचित नहीं है। इसके साथ हम यह नहीं कह रहे है की किसी व्यक्ति या संस्था के खिलाफ आपत्तिजनक बोल इस्तेमाल करके टिप्पणी करना सही है। लेकिन सरकार के खिलाफ बोलने से हमेशा किसी न किसी व्यक्ति की गिरफ्तारी होना थोड़ा उचित नहीं लगता है।
इस मामले में उत्तरांचल टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तरकाशी के पुलिस अधीक्षक (एसपी) पंकज भट्ट ने कहा कि पेशे से किसान राजपाल सिंह रावत को रविवार को जिले के पुरोला इलाके से गिरफ्तार किया गया. इसके बाद उन्हें रविवार शाम मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है।
पुलिस का कहना है कि भाजपा मंडल इकाई के अध्यक्ष पवन नौटियाल की शिकायत पर सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है। सिंह को रविवार को गिरफ्तार किया गया था।
बता दे की सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 153 (दंगा भड़काने के इरादे से उकसाना) और 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करना) के तहत केस दर्ज किया है।
हालाँकि युवक द्वारा किये गए पोस्ट से नेशनल दस्तक किसी भी हाल में सहमति नहीं जताता है। लेकिन हमारा सिर्फ इतना कहना है की, सरकार की खामियों को गिनाना यह फिर उनके किसी निर्णय का विरोध करने मात्र से किसी व्यक्ति पर कार्रवाई करना बिलकुल भी उचित नहीं है।
देखा जाए तो मौजूदा सरकार में ही लोगो द्वारा किसी न किसी विषयो को लेकर विरोध किया जा रहा है। इस प्रकार अगर हम देखे तो बीजेपी सरकार के कार्य करने के तरीके से लोग असहमत है। देशभर में भिन्न भिन्न विपक्ष पार्टिया द्वारा भी मौजूदा सरकार के कुछ फैसलों का विरोध किया जाता है।
