पीलीभीत महिला सिटी मजिस्ट्रेट ने दलित समाज के लोगो से करी हाथापाई, वकील का कोलर पकड़ किया पुलिस के हवाले

पीलीभीत में प्रशासन ने दलितों के साथ काफी बुरा और सख्त व्यवहार अपनाया है। पीलीभीत की सिटी मजिस्ट्रेट ने दलित समाज के लोगो को जेल भिजवा दिया और उनके साथ खुद हाथापाई पर उतर आई। माहौल काफी गरमा गया तुरंत पुलिस ने करवाई करते हुई सिटी मजिस्ट्रेट के कहने पर दलित समाज के वकील का गिरेबान पकडकर उसे पुलिस के हवाले कर दिया। अपने आप को लेडी सिंघम समझ रही पीलीभीत की सिटी मजिस्ट्रेट अर्चना द्विवेदी ने अपने पद का बिल्कुन भी ख्याल न करते हुए सीधे तौर पर हाथापाई करने लगी।
जानिए क्या था पूरा मामला:
यह पूरा मामला काफी पुराना है आपको बता दे की करीब पंद्रह साल पहले जिला समाज कल्याण विभाग ने शहर के गैस चौराहे के निकट अनुसूचित जाति/जनजाति के छात्रों के हास्टल के लिये एक भवन किराये पर लिया गया था। इसी भवन में रहकर अनुसूचित जाति/जनजाति के सभी छात्र अपनी पढाई पूरी करते थे।
इसी भवन में निचली मंजिल पर छात्रों ने बहुजन छात्र मोर्चा का कार्यालय भी खोला हुआ था। ईमारत काफी पुरानी हो चुकी थी, ईमारत में ऊपरी मंजिल छतिग्रस्त होने की कारण टूट भी चुकी थी। ईमारत की निचली मंजिल ही शेष बची थी। सिटी मजिस्ट्रेट अर्चना द्विवेदी के मुताबिक अनुसूचित जाति/जनजाति के छात्रों ने इस मजिल पर अनाधिकृत कब्ज़ा कर रखा था।
सिटी मजिस्ट्रेट ने इस भवन को खली करने के आदेश दे दिए पर छात्रों के पास कम समय होने के कारण दूसरी जगह का इंतेज़ाम नहीं हो सका। मजिस्ट्रेट ने करवाई के आदेश दे दिए जिसके बाद बसपा का पूरा प्रतिनिधि मंडल जिलाध्यक्ष चन्द्रशेखर आज़ाद की अगुवाई में मौके पर पहुॅचा और छात्रों की पैरवी की लेकिन सिटी मजिस्ट्रेट ने किसी भी नहीं सुनी।
देखते ही देखते माहौल गरमा गया जिसके बाद सिटी मजिस्ट्रेट अर्चना द्विवेदी का पारा बढ़ गया और उन्होंने बलपूर्वक करवाई करने के आदेश दे डाले। बसपा कार्यकर्ता वहॉ से हिले नहीं और अपनी मांग को लेकर धरने पर बैठ गये। मजिस्ट्रेट की कार्रवाई में करीब आधा दर्जन छात्र व उनके सहयोगियो को सुनगढ़ी थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
छात्रों के समर्थन में वह दलित समाज के काफी लोग मौजूद थे। मामले का विरोध कर रहे दलित समाज के एक वकील को सिटी मजिस्ट्रेट अर्चना द्विवेदी के कोलर पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया।
न्यूज़ क्रेडिट: पत्रिका
